~ :: रास्ते ::~
रास्तों से सभी निकलते हैं रास्ते
चलने के वास्ते ही बनते हैं रास्ते
हमराह नहीं संग तो क्या हुआ
किसी के लिए कहाँ तरसते है रास्ते
कहीं छाया तो कहीं धुप हैं
हैं परवश पर कहाँ रुकते है रास्ते
किसी के आने से तो किसी के जाने से
किसी के बदलने से बदलते हैं रास्ते
कभी हँसते तो कभी रोते हैं
कभी चिड़ियों से चहकते हैं रास्ते
रास्ते भी तेरे जैसे हैं "Dandy'.
ना चलके भी पल पल सरकते हैं रास्ते
[j[)]
20/05/2010