लौट आओ
करके मुझसे यारी तूने बड़ा एहसान किया।
दिल को मेरे गुल-ए -गुलिस्तान किया।।
एकदम अकेला था मैं आरज़ू ना आस थी।
आकर तूने ज़िन्दगी को परिस्तान किया।।
हर पल तुम्हे सोचा मैंने तुमको ही चाहा।
यादो को तेरी दिल का मेहमान किया।।
पलकों पर सजाया तुम्हे आँखों में बसाया।
दिल की दुनिया का तुम्हे भगवान किया।।
तोड़ी नहीं तूने यारी मुझपे एतबार किया।
मेरी भावनाओ का तूने सम्मान किया।।
मैंने भी तुझे कभी जानकर न दर्द दिया।
फिर अनजानी खताओ ने क्यों तुम्हे परेशान किया।।
आज फिर अकेला हु मैं नहीं कोई साथ हैं।
मुँह मोड़ तूने भी दिल को वीरान किया।।
जहा समंदर - ए - प्रेम था बून्द की प्यास है।
यादो ने भी तन्हा रेत -ए -रेगिस्तान किया।।
[j[)]
10/02/2010
"आस हैं अभी भी मुझे लौटकर तू आएगी।
मेरे बिना एक पल तू भी रह नहीं पायेगी।।"
" तेरे इंतज़ार में लेखनी भी रूठ गयी ,
भाववनाओ में बहकर स्याही इसकी सुख गयी।
रहा फिर अकेला मैं, निब इसकी टूट गयी।।
कुछ और लाइन्स बस यूँही ......