Saturday, October 19, 2013

निवारण

      निवारण 

आसमां से ऊंची है मंज़िल मेरी
परियों से सुन्दर हैं यार मेरी।
सागर से गहरा हैं प्यार मेरा 
और उसपे कुरबान हैं ज़िन्दगी मेरी।।

वो मुझसे दूर रहे  कोई गम नहीं 
मुझे दूरियां भी स्वीकार है।  
पर उसकी जरा सी उदासी से 
 दिल को साफ इनकार हैं।।

इसलिए ए दोस्त ! मुस्कुराती रहो 
कलियों सी सदा खिल-खिलाती रहो। 
हर एक दिल की रौनक हो तुम 
हर गम को हसीं में उड़ाती रहो।।

बहुत छोटी हैं ये ज़िन्दगी कट जाएँगी 
रुकावटें साँसों की हट जाएँगी। 
भूला के सबको किसी में खुद को भूला दो 
ये बदली दुखो की छंट जाएँगी।।

[j[)]
22/08/2010
"I want my Radhike to be the most happiest person in this world.  So please keep always smiling whatever the circumtances are."

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