जन्मदिन मुबारक हो !!!
जन्मदिन मुबारक हो उस हर दिल अज़ीज़ यार को
ईश्वर को जो सबसे प्यारी, उस निराली नार को
ईश्वर को जो सबसे प्यारी, उस निराली नार को
जिसके निश्छल प्यार को , शालीनतम व्यवहार को
अँधेरे में आसानी से देखा जिसके निखार को
एकाकी में रचती हे जो सृजन संसार को
अँधेरे में आसानी से देखा जिसके निखार को
एकाकी में रचती हे जो सृजन संसार को
बतलाने से बचती है जो , उत्पन्न विचार को
पाप पे प्रहार को, धर्म के उद्धार को
धरती पे उतरे उस फ़रिश्ते - अवतार को
उस "स्वार्थी" सरकार को , मतलबी मक्कार को
"Dandy" भी ना भुला जिसके , झूठे एतबार को
: जॉन डंडी
जुलाई ०८,२००८।यह कविता किसी के लिए जन्मदिन का तोहफा नही है। क्योकि यह मिस हरमीआ के २० वे जन्मदिन के लिए लिखी गई थी पर उसे नही दी गई ।
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